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Monday, August 13, 2012

13-08-2012


जिले में भारी बारिश से पक्के मकान वाले लोग आराम से पकोड़े और छिलड़े बना के अपने घरों की गेलरियों में खा रहे हैं. वहीं नदी के किनोर बने झोंपड़ों में रात भी आँखों को ढंग की नींद  देने में मुश्किलातों का सामना कर रही है. एकदम सूखे सूखे लोग गीले होने के लिए झरने, और बहता हुआ पानी ढूंढ रहे हैं. पहाड़ों की तलाश में निकले शहरी बाबू गाँव आते ही आँखें फाड़ फाड़ के देखते हैं और दूजी तरफ गाँव के डोकरे इन शहरी फटफटीये वालों को देख विचारते-बयानते नज़र आते हैं.हरियाली अपनी पूरी रवानी कोड़ियों के दाम लूटाने को उतारू है. गाँव शहर की तरफ उलट रहे हैं और शहर अपनी ऊबकाई से निकलने एकांत की तलाश में निलिया, झरिया, केवड़ेश्वर, मात्रिकुंडिया, होड़ा हनुमान, केलझर, घोसुण्डा के रास्ते पर चल पड़े हैं.  

चित्तौड़ में कुम्भानगर वाली फाटक पर ओवर ब्रिज बनने से उपजी नयी विपदा से जुड़ा जन चेतना मंच का आन्दोलन उफान पर हैं यदा कदा आई.एम्.सेठिया जी के मेसेज आते हैं.अखबार भी भले मन से उनके संघर्ष को छाप रहे हैं.इधर कलेक्टरी में आई टी. भवन के लिए तय हुयी जगह को लेकर उद्यान को बचाने का नया आन्दोलन चल पड़ा है.मुझे परिणाम को लेकर उत्साह है मगर आन्दोलन में शामिल होने को लेकर अपने समीकरण आड़े आते हुए प्रतीत होते हैं.अच्छे उद्देश्यों को लेकर आरम्भ हुए आन्दोलन सही दिशा में गतिशील रहेंगे तो उपज ठीक ही होगी.खैर

आजकल की खबरों में छात्र राजनीति में चुनाव और उम्मीदवार चयन की माथापच्ची खूब लिखी और पढ़ी जा रही हैं.पंद्रह अगस्त के दिन जिला स्तरीय गरिमामयी समारोह में सम्मानित होने वालों की सूची भी एक दो दिन में आने वाली है.बहुतों को इसमें शामिल होने का इंतज़ार होगा.सही आदमियों के चयन को लेकर जन मानस को मेरी शुभकामनाएं.
 
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