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Monday, January 30, 2012

29-01-2012

सालों से परिचित नगर के फड़ चित्रकार रामगोपाल जी से बात हुई,मन बहुत दुखी हुआ जिस लहजे में वे बतियाए.कुछ दिनों पहले डाकखाने में उनके एक बेटे मनोज ने बताया, बीच के महीनों में पिताजी  बहुत बीमार हो गए थे.आंशिक तौर पर लकवा हो गया. किसी बड़े डागदर के इलाज़ से बिलकुल ठीक स्थिति में फिर से पहुंचे.मेरा रामगोपाल जी से परिचय साल दो हज़ार दो के आस-पास से है. स्पिक मैके आन्दोलन के तहत मिलना जुलना चलता रहा.फड़ चित्रकारी और कावड़ निर्माण कला के वे नगर पुरोधा है ये सब जानते हैं,इस बात से कोई मना नहीं करेगा. पिछले तीन-चार सालों से मेरी दूजी व्यस्तता के चलते उनसे मिलना नहीं हो सका.संस्कृतिकर्मी होने के नाते मैं ही उनसे नहीं मिल सका,जुर्म कबूल हैं.उनके परिवार के सब जानकारी भरे सदस्यों से मेरा गाढ़ा परिचय रहा है.

बात असल में ये रही ,आकाशवाणी जोधपुर के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ब्रोडकास्ट होने हेतु उनसे जुडी इस कलाकारी  पर ही हमारे पूर्व निदेशक और दिशाप्रदाता सुधीर राखेचा जी के हाथों एक बड़ा कार्यक्रम बनना था.हमारे अधिकारी योगेश कानवा के कहने से मैंने गुरूजी से बात की,उनकी कुशल पूछी.दो दिन बाद उन्हें घर लेने जाना और रिकोर्डिंग करना तय हुआ.कल मैंने आकाशवाणी की गाड़ी ले जाते वक्त उन्हें फोन मिलाया ,वो जो बोले,जिस लहेजे में बोले मन दु:खी हुआ.एक कलाकार वृति का आदमी,एक प्रसंशक से किस तरह बतला सकता है इस बात की सारी परिभाषाएं फेल हो पडी.वे शायद गुस्से में थे.(हो सकता है ,मैं हे गलत समझा.).खेर उन्होंने बीमार होनी की सूचना दी. मैंने  फिर बात करने को कहा तो वे बोले नहीं बहुत ज्यादा बीमार हूँ,नहीं आ सकूंगा,मुझे लकवा हो गया है.जैसे जवाब मिला योगेश जी को पहूंचाया.यों भी कह सकते हैं स्पीकर फोन पर सब योगेश जी ने खुद सुना .बात ख़तम हुई.रामगोपाल जी जो वही इंसान है जो भीलवाडा वाले पद्मश्री और शिल्प गुरु अवार्ड प्राप्त श्रीलाल जोशी जी के भानेज है.हमने दुसरे नंबर पर खुद श्रीलाल जी के परिवार के चित्तौड़ निवासी सत्यनारायण जोशी जी से बात रिकोर्ड की,जोधपुर भेजी.काम पूरा हुआ.

पूरे दृष्टांत में कई बातें साफ़ हुई.फोन पर बतियाने के मायने,आकाशवाणी की तरफ से कलाकारों को यथोचित सम्मान,एक हद तक आवभगत,एक कलाप्रेमी का गुरूजी के प्रति बदलता नज़रिया,उम्र के साथ बदलते विचार और तेवर,ज़माने में अच्छे अवसरों को भुनाने के लिए कतार में खड़े लोग.आखिर में मन दुखी है.मेरी जानकारी में मुझे प्रेरित करने वाले लोगों की सूची में एक आदमी कम हो गया.
 
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