विविध
दृश्यों से
लबरेज़ पिछले
दिन
बीमार
बेटी, लबालब
अस्पताल, व्यस्त
चिकित्सक, बेचारे
और पस्त
मरीज़, लगातार
झपटते इंजेक्शन, फ्री फंट
की दवाई, दिन में
तीन ढक्कन
सिरप, सफ़ेद
दिखने की
कोशिश में
गंदी होती
बेडशीट और
पलंग, पुराणी
फाईल में
रखे सफ़ेद
जक कागज़
पर इलाज
का मसौदा, बार-बार
उबाके मारता
हुआ डस्टबीन, कम आमदानी
के बीच
आँगन बुहारती
बाईजी, अदल-बदल के
आती नर्से-कम्पाउडर, अस्तव्यस्त
घर, चिड़चिड़ा
एकल परिवार, भागता हुआ
पति, समय
जुटाती हुयी
पत्नी, बुखार
में तपती
जिंदगियां, ऊपर से लाड करते
कई लोग, मनुहारें करते
मित्र, कुशलक्षेम
पूछती शुभकामनाएं, शरीर में
मिलने को
आतुर चढ़ती
हुयी ड्रिप
के साथ
ख़त्म होता
चीर मौन, आस-पास
के पलंग
वाले मरीजों
से सध्य
प्रसूता रिश्तेदारी, दरवाज़े पर
डंडेदार गेटमेन
और भी
बहुत कुछ