कई बार पैसे
वाले परिवार
में बहू
बनकर गयी
लड़कियाँ अपनी
सृजनात्मक अभिवृति को लेकर जीवनभर छटपटाती हैं. बड़ी
दया आती
है उनके
जीवन पर
.और गुस्सा
आता है
उन दमनकारी
ताकतों पर.साथी कार्मिकों और दोस्तों से बहुत बातें हुई.एक निष्कर्ष पर तो पहुँचा की कभी भी भूल कर पत्नी के सामने किसी लड़की से खुल कर बात नहीं करनी चाहिए.एक और दीगर बात की कामकाजी पुरुषो और महिलाओं के परिवारजन अगर खुले दिमाग्धारी नहीं होंगे तो उनके घर में डबल वेतन आने के बाद भी नरक की सभी सुविधाएं विद्यमान रहेगी.मनमाफिक वर-वधू मिलना और जीवन बसर किसी पुन्य से ही समभा हैं.शंकालू पति मिल जाए तो पत्नी का जीना बेहाल और पत्नी शंकालू हो तो पति का बंटाधार
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» 23-12-11